नामदान से दूर होते है शारीरिक और मानसिक कष्ट-उमाकांत महाराज
उज्जैन। बाबा जयगुरुदेव महाराज के दशम वार्षिक तपस्वी भंडारे में बाबा उमाकांत महाराज ने पिंगलेश्वर स्थित जयगुरुदेव आश्रम में सतसंग संदेश में बताया कि आप सभी लोग थोड़े समय के लिए गृहस्थी के जंजाल से निकलकर सतसंग जल में स्नान करने के लिए आये है, ये आपका सौभाग्य है। मनुष्य शरीर को चलाने वाली शक्ति सबके अंदर एक ही है जिसे जीवात्मा कहते है।
देश-विदेश से नामदान लेने के लिए आए भक्तों को संबोधित करते हुए महाराज ने कहा कि जहां से सारी विद्या ख़त्म होती है वहां से आध्यात्मवाद शुरू होता है और जहां सारा धन ख़त्म है वहां से आत्मधन की शुरुआत होती है। तो नामदान बेशकीमती है। जिसके पास आत्मधन, आंतरिक दौलत आ जाती है उस पर मालिक की दया हो जाती है। तो नामदान से दूर होते है कष्ट जैसा आपको बताया वैसा करोगे तो आपको फ़ायदा मिलेगा। शारीरिक-मानसिक कष्ट दूर होंगे।
महाराज ने पांडाल में उपस्थित जनसमूह को शाकाहारी सदाचारी जीवन का महत्व समझाते हुए बताया कि जब से समाज में मांसाहार बढ़ा है तब से बीमारियां बहुत बढ़ गई है। जो जानवरों को मारता है, लाता है, पकाता है, खाता है सबको बराबर पाप लगता है। सब पर कर्म आ जाते है तो हमारा यही निवेदन है कि आप शाकाहारी हो जाये यही आपकी गुरु दक्षिणा है। इसके बाद महाराज ने सभी भक्तों पर नामदान की अमृत वर्षा की।
देश-विदेश से आये श्रद्धालु
अपने दुखों को दूर कर महाराज से दया, दुआ आशीर्वाद लेने और जीते जी ईश्वर के दर्शन कराने वाले नामदान को पाने के लिए भक्तगण ना केवल भारत बल्कि मलेशिया, अमेरिका, दुबई मॉरीशस से विशेष रूप से आए हैं। संगत के जिम्मेदारों ने बताया यह कार्यक्रम 28 मई तक चलेगा। जिसमें 27मई की रात को गुरु पूजन आरंभ होगा।
No comments