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प्रशासन ने अतिक्रमण से मुक्त कराई 100 करोड़ से अधिक की जमीन

              रविन्द्र राणावत की रिपोर्ट
5 बजे पहुंचा प्रशासनिक और निगम अमला, भारी पुलिस बल किया तैनात, गार्डन, पार्किंग सहित नदी के घाट बनेंगे   

     
उज्जैन:- वर्षों से अतिक्रमणकारियों के कब्जे में बेशकीमती जमीन पर बनी दुकानों को हटाने की मुहिम तड़के 5 बजे प्रशासन और पुलिस की टीम ने नगर निगम के साथ मिलकर शुरू कर दी है। दुकानदारों को सप्ताह भर पूर्व नोटिस जारी किया जा चुका था।
हरीफाटक फोरलेन मार्ग पर बने वाकणकर ब्रिज के पास शासकीय भूमि पर पिछले 15 वर्षों से डेढ़ सौ से अधिक लोगों ने कब्जा कर दुकानें बना ली थी। प्रशासन लगातार शासकीय बेशकीमती भूमि को मुक्त कराने के प्रयास में लगा हुआ था। अतिक्रमण करने वाले न्यायालय पहुंच गए थे जहां से स्टे लेकर आया गया था। 45 दिन की मिली मोहलत के दौरान दुकानदारों ने खुद ही अतिक्रमण हटाने की बात कही थी। जिसकी अवधि 16 अगस्त को खत्म हो गई थी। प्रशासन ने दुकानें हटाने के लिए 7 दिन पूर्व नोटिस जारी कर दिया था। समयावधि समाप्त होने के बाद आज सुबह एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी, एएसपी अमरेंद्र सिंह नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल पांच थानों की पुलिस और नगर निगम अतिक्रमण गैंग के साथ मौके पर पहुंच गया। तड़के 5 बजे हरी फाटक ब्रिज के आसपास जेसीबी के साथ प्रशासनिक अमले की गाडिय़ां खड़ी देख लोग हैरत में पड़ गए। जिस स्थान से अतिक्रमण हटाया जाना था उस मार्ग को बंद कर दिया गया था। 1 घंटे के दिशा निर्देश के बाद नगर निगम की टीम ने सुबह 6 बजे से अवैध दुकानों को हटाने का काम शुरू कर दिया। इस दौरान कोई विरोध के लिए सामने भी नहीं आ पाया। कार्यवाही के दौरान नगर निगम उपायुक्त पीयूष भार्गव, सुबोध कुमार जैन, कल्याणी पाण्डेय, एसडीएम जगदीश मेहरा, सीएसपी वंदना चौहान, पल्लवी शुक्ला, नीलम बघेल, सचिन परते, श्रीकांत शर्मा, थाना प्रभारी ओपी अहिर, तरुण कुरील, गजेन्द्र पचोरिया, महेन्द्र मकाश्रे, पृथ्वीसिंह खलाटे, रवीन्द्र कटारे, जीवन भिंडोरे मौजूद रहे।

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