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मध्य प्रदेश: जांच रिपोर्ट के आधार पर खात्मा पेश करने के लोकायुक्त के एकाधिकार को हाईकोर्ट में चुनौती

 


जांच रिपोर्ट के आधार पर खात्मा व चालान पेश करने के लोकायुक्त विभाग के एकाधिकार को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई है। याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने रिज्वाइंडर पेश करने का आवेदन दिया था। हाईकोर्ट ने इसे अनुमति देते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 7 फरवरी को तय की है। 



चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमथ व जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की बेंच ने भोपाल के सतीश नायक के आवेदन को स्वीकार कर लिया है। नायक ने अपनी याचिका में कहा है कि लोकायुक्त के समक्ष दर्ज मामलों में फाइनल रिपोर्ट पेश की जाती है। इसके तहत खात्मा या मुकदमा चलाने के लिए चालान पेश होता है। यह फैसला जांच अधिकारी के विवेक पर होता है। लोकायुक्त ने 12 अगस्त 2021 को आदेश जारी किया है कि उनकी अनुमति के बिना खात्मा रिपोर्ट पेश न किया जाए। याचिका में इसे अनुचित बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि जांच अधिकारी को अपने स्वविवेक व निष्पक्षता के साथ खात्मा रिपोर्ट व चालान पेश करने का अधिकार है। लोकायुक्त का एकाधिकार संबंधी आदेश अवैधानिक है। याचिका में गृह विभाग के सचिव, डीजीपी, लोकायुक्त, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, सचिव लोकायुक्त संगठन और सचिव विधि विभाग को पक्षकार बनाया गया है। याचिका की प्रारंभिक सुनवाई में हाईकोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी किए थे। साथ ही आदेश पर रोक लगा दी थी। सोमवार को सुनवाई के बाद बेंच ने यह आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता धुव्र वर्मा ने पैरवी की। 

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