आरटीओ व यातायात पुलिस अपनी कुम्भकर्णी नींद से आखिर कब जागेगी
स्कूली बसों की गति पर भी ब्रेक नहीं
उज्जैन, न तो स्कूली और न ही अन्य चौपहिया वाहनों की गति पर ब्रेक लगाया जा रहा है।
इसके लिए आरटीओ या यातायात विभाग कार्रवाई को अंजाम सिर्फ खानापुर्ती मात्र देता है और यही कारण रहा है कि सोमवार को दो स्कूली बसों में भिड़ंत हो गई। गनीमत थी कि दोनों ही स्कूली बसों में बच्चे नहीं बैठे थे अन्यथा कोई बड़ा हादसा हो सकता था।यूंभले ही यातायात विभाग के जिम्मेदारों द्वारा नियम विरूद्ध वाहन चलाने वालों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की जाती हो लेकिन वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए जिस तरह से अभियान चलाने की जरूरत महसूस होती है वह पूरी नहीं हो रही है। विशेषकर बच्चों को लाने ले जाने वाली बसों की हालत देखने के लिए आरटीओ विभाग कब अभियान चलाएगा यह जानकारी ही सामने नहीं आ रही है स्कूलों में भले ही अभी बच्चों की संख्या कम हो लेकिन बसों में बच्चों को स्कूल भेजने का भी सिलसिला जारी है। कई दिनों पहले आरटीओ विभाग के अधिकारियों ने बसों की चैकिंग अभियान चलाया था और यह भी देखा गया था कि बसों की स्थिति कैसे है। जीपीएस लगाया गया है या नहीं या फिर बस चालक तेज गति से बस को भगाकर बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ तो नहीं किया रहा है। ऐसी ही स्थिति शहर में मैजिकों की भी दिखाई देती है। पहले तो सवारी बैठाने के नाम पर विवाद होते रहते है और फिर मैजिक को चाहे जहां भी रोक देते है इसके अलावा गति भी तेज ही रहती है कि पैदल चलने वाले संभलने में ही कठिनाई महसूस करते है। इसके साथ ही इंदौर देवास आदि शहरों की तरफ चलने वाली बसों की भी गति कितनी रहती है यह अधिकारी भी अच्दी तरह से जानते है।
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