Breaking News

AI आधारित स्मार्ट आई से हो सकेगी छात्रों की निगरानी

काजल राठौर की खबर

चंडीगढ़: पिछले कई वर्षों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काफी चर्चा हो रही है। दुनिया में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। यह तकनीक फोन या कंप्यूटर में उपलब्ध शतरंज जैसे गेम, गूगल और एलेक्सा वॉयस असिस्टेंट समेत रोबोट जैसी डिवाइस के रूप में मौजूद है। हालांकि, इस तकनीक पर अब भी काम चल रहा है। आज हम आपको बता रहे हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कैसे स्कूल में छात्रों की निगरानी की जा सकती है गवर्मेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर 33 चंडीगढ़ के एक छात्र संजीत सोनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से एक स्मार्ट आई प्रोजेक्ट बनाया है। यह प्रोजेक्ट छात्रों की उपस्थिति को चिह्नित करने और कक्षाओं और लेक्चर्स में उनकी हाज़िरी की जांच करने के लिए फ़ेस रिकगनिशन मॉडल यानी चेहरे पहचानने वाली तकनीक के रूप में काम करता है। डिजिटल इंडिया ने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo App पर संजीत सोनी का एक वीडियो शेयर कर बताया कि कैसे काम करेगा यह स्मार्ट आई प्रोजेक्ट।

आर्टिफिशियल इटेलिजेंस  
आर्टिफिशियल इटेलिजेंस, दुनिया की श्रेष्ठ तकनीकों में से एक है। यह दो शब्दों आर्टिफिशियल और इंटेलिजेंस से मिलकर बना है। इसका अर्थ है "मानव निर्मित सोचने की ताक़त। इस तकनीक की सहायता से ऐसा सिस्टम तैयार किया जा सकता है, जो मानव बुद्धिमत्ता यानी इंटेलिजेंस के बराबर होगा। इस तकनीक के माध्यम से एल्गोरिदम सीखने, पहचानने, समस्या-समाधान, भाषा, लॉजिकल रीजनिंग, डिजिटल डेटा प्रोसेसिंग, बायोइंफार्मेटिक्‍स तथा मशीन बायोलॉजी को आसानी से समझा जा सकता है। इसके अलावा यह तकनीक खुद सोचने, समझने और कार्य करने में सक्षम है।

No comments