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इस बार 15 जनवरी को मनेगी मकर संक्रांति

उज्जैन, सूर्य के उत्तरायण का पर्व मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। पंचांगीय गणना के अनुसार 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 32 मिनट पर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। धर्मशास्त्रीय मान्यता के अनुसार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद अगले दिन पर्वकाल रहेगा। श्रद्धालु शिप्रा स्नान कर दान-पुण्य करेंगे।

ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार सूर्य की संक्रांति का समय विशेष प्रभाव डालता है। ऐसा कहा जाता है कि सूर्य संक्रांति अगर मध्यांह के उपरांत होती है, तो पर्वकाल अगले दिन मनाना चाहिए। इसी मान्यता के आधार पर देखें तों सूर्य की मकर संक्रांति अर्थात मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी को मध्यांह 12 बजे के बाद दोपहर 2.32 बजे होगा। इसलिए संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाना शास्त्रसम्मत रहेगा।

70 फीसद श्रेष्ठ रहेगा मकर संक्रांति का प्रभाव
धर्मशास्त्र में मकर संक्रांति को लेकर अनेक दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसमें संक्रांति का स्वरूप, वार नाम, गमन की स्थिति आदि विशेष माने गए हैं। शास्त्रीय मान्यता से देखें तो इस बार मकर संक्रांति का वारनाम मिश्र संज्ञक, नक्षत्र नाम मंदा, वाहन व्याघ्र, उपवाहन अश्व रहेगा। संक्रांति 45 मुहूर्ती होकर के दक्षिण दिशा में गमन करते हुए नैऋत्य कोण पर दृष्टि डालेगी। इस बार कुमार अवस्था में संक्रांति रहेगी। ग्रह गोचर में परिभ्रमण तथा लग्न की स्थिति के अनुसार देखें तो ग्रहों की दृष्टि के आधार पर संक्रांति का 70 फीसद प्रभाव श्रेष्ठ तथा 30 फीसद कमजोर रहेगा।
मकर संक्रांति पर यह करें

मकर संक्रांति के दिन सफेद तिल्ली से मिश्रित जल से तीर्थ आदि नदियों में स्नान करना चाहिए। पश्चात सफेद तिल्ली युक्त जल से सूर्य को अर्घ्य व शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। वैदिक ब्राह्मण को तांबे के कलश में तिल्ली भरकर दान करें, साथ ही चावल व खड़े मूंग मिश्रित खिचड़ी का दान भी करना चाहिए।
मालवा में पतंग उत्सव मनेगा

मकर संक्रांति पर मालवा की लोकपरंपरा अनुसार पतंग उत्सव मनाया जाएगा। फ्रीगंज, तोपखाना आदि क्षेत्रों में अभी से पंतग की दुकानें सज गई हैं। संक्रांति पर लोग सुबह से पतंग उड़ाएंगे। अनेक स्थानों पर पतंग स्पर्धा का आयोजन होगा।

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