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कलेक्टर ने 100 से अधिक आवेदनों पर जनसुनवाई की

उज्जैन :-  मंगलवार को कलेक्टर श्री आशीष सिंह द्वारा बृहस्पति भवन में 100 से अधिक आवेदनों पर जनसुनवाई करते हुए सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को कार्यवाही करने के दिशा-निर्देश दिये गये। जनपद पंचायत तराना के गांव खातीखेड़ी निवासी सपनाबाई पति दिलीप परमार ने ग्राम पंचायत में बिना सूचना विज्ञप्ति के ही महिला मेंट की नियुक्ति करने पर आपत्ति दर्ज करते हुए शिकायत की कि उक्त स्थान पर पात्र महिला की नियुक्ति की जाये। इस पर सीईओ जनपद पंचायत तराना को प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिये गये।

ग्राम पिपल्याराघौ निवासी दिनेश पाटीदार पिता बलराम पाटीदार ने आवेदन दिया कि विगत दिनों आई बारिश के कारण उनके घर के सामने बने रोड की ऊंचाई की वजह से नाली का पानी उनके घर के अन्दर तक आ गया था, जिस कारण उन्हें काफी असुविधा और परेशानी हुई है। अत: सम्बन्धित विभाग को नाली के पुनर्निर्माण हेतु निर्देशित किया जाये। इस पर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के महाप्रबंधक को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।

तहसील घट्टिया ग्राम रलायता हैवत निवासी गोविन्दसिंह पिता नागूसिंह ने आवेदन देकर शिकायत की कि ग्राम पंचायत रलायता के सरपंच, सचिव, सहायक सचिव और सरपंच प्रतिनिधि के द्वारा आवास एप प्लस योजना के तहत जोड़े गये लगभग 225 से अधिक लोगों से अवैध वसूली की गई है। साथ ही ग्राम पंचायत में मुक्तिधाम की बाउंड्री वाल निर्माण की सम्पूर्ण राशि का दुरूपयोग उक्त लोगों द्वारा किया गया है। इसके अलावा सहायक सचिव द्वारा मनरेगा के अन्तर्गत किसी भी प्रकार के कार्य में हितग्राही को जॉबकार्ड नहीं दिया गया है। इस पर सीईओ जनपद पंचायत घट्टिया को मामले की जांच करने के निर्देश दिये गये।


 
जीवाजीगंज थाने के पास रहने वाले हरिराम पिता गंभीरा ने आवेदन दिया कि वे सन 1996 से चिन्तामन गणेश मन्दिर पर आने वाले श्रद्धालुओं के जूते-चप्पल संभालने का कार्य कर रहे हैं, लेकिन उन्हें पिछले कुछ महीने से मानदेय नहीं दिया जा रहा है। अत: उन्हें मानदेय दिलवाया जाये। इस पर एसडीएम उज्जैन ग्रामीण को समय-सीमा में कार्यवाही करने के लिये कहा गया।

ग्राम घोंसला निवासी बाबूलाल पिता शंकरलाल ने आवेदन दिया कि कुछ माह पहले उनके इकलौते पुत्र का कोरोना के कारण निधन हो गया था। परिवार में कमाने वाला एकमात्र उनका पुत्र था तथा उसके जाने के बाद अब आय का कोई साधन नहीं बचा है। परिवार में दो लड़कियां हैं तथा उनकी पढ़ाई-लिखाई और भविष्य का पूरा दारोमदार उन्हीं पर है। अत: उन्हें राहत राशि मुहैया कराई जाये। इस पर सीईओ जनपद पंचायत महिदपुर को नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।

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