उज्जैन :- कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा संस्कृति विभाग के गमक कार्यक्रम के अंतर्गत 19 सितंबर, 2021, रविवार को भरतनाट्यम् शैली में कालिदास की रचनाओं की प्रस्तुति दी गई। वरदा कला संस्थान, इंदौर द्वारा श्रीमती श्रुति राजीव शर्मा के निर्देशन में कालिदास व संस्कृत के समृद्ध साहित्य का महत्त्व और उसमें महाकवि कालिदास के योगदान को प्रकाशित करने के उद्देश्य से नृत्यनाटिका की प्रस्तुति की गई। संस्कृत भाषा की विशेष, अध्यात्म जगत में महत्त्वपूर्ण स्थान आदि विषयों पर इस कार्यक्रम में प्रकाश डाला गया। कालिदास के आरंभिक संघर्ष व देवी की कृपा प्राप्ति से ज्ञानार्जन व विध्नविनायक की अनुकंपा को गणेश वंदना द्वारा, दैवीय आशीर्वाद से कालिदास की वाणी पर चमत्कारिक प्रभाव, आन्तरिक चक्षु का उन्मीलन और परिणामवश उनका भारतीय शास्त्रीय परम्परा के महापण्डित के पद पर प्रतिष्ठित होना इत्यादि, ऋतुसंहार में कालिदास वर्णित ऋतुचक्र का अद्वितीय विस्तृत वर्णन अपनी नृत्य नाटिका में प्रस्तुत किया। प्रस्तुति में संस्था के कलाकार प्रियांशी जैन, अक्षरा कचैलिया, चिन्मयी कोलवादकर, अनघा पालिया, सारा काशीकर, अनिका पालिया, मृत्युंजय जोशी शामिल थे। नृत्य नाटिका का शब्दांकन शर्वाणि जोशी ने किया। वरदा कला संस्थान ने पर्यावरण, अंगदान, स्वच्छता अभियान, बचपन बचाओ, नारी सशक्तीकरण, बेटी बचाओ, कैंसर अवेयरनेस, राष्ट्रभक्ति इत्यादि पर प्रस्तुतियाँ देकर जनजागृति में योगदान दिया है। प्रारंभ में स्वागत भाषण अकादमी के प्रभारी निदेशक डॉ.संतोष पण्ड्या ने दिया। कार्यक्रम की उद्घोषणा सुश्री पद्मजा रघुवंशी ने की। संयोजन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ.संदीप नागर ने किया।
संस्कृति विभाग की गमक श्रृंखला में भरतनाट्यम् शैली में कालिदास की रचनाओं की प्रस्तुति
Reviewed by Ritik songara
on
September 20, 2021
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