झांकियों का आकार 30गुणा45फीट रहेगा, प्रतिमाओं के विसर्जन में 10 व्यक्तियों के ही समूह की अनुमति होगी।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी किये गये आदेश के तहत निम्नानुसार प्रतिबंध लगाया गया है :-
• प्रतिमा/ताजिये (चेहल्लुम) के लिये पंडाल का आकार अधिकतम 30 गुणा 45 फीट नियत किया गया है। झांकी निर्माताओं को आवश्यक रूप से यह सलाह दी गई है कि वे ऐसी झांकियों की स्थापना एवं प्रदर्शन नहीं करें, जिनमें संकुचित जगह के कारण श्रद्धालुओं, दर्शकों की भीड़ की स्थिति बने। सभी झांकी निर्माताओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाये, यह व्यवस्था करना होगी।
• प्रतिमा/ताजिये (चेहल्लुम) का विसर्जन सम्बन्धित आयोजन समिति द्वारा किया जायेगा। विसर्जन स्थल पर ले जाने के लिये अधिकतम 10 व्यक्तियों के समूह की अनुमति होगी। इसके लिये आयोजकों को पृथक से लिखित अनुमति प्राप्त करना होगी।
• कोविड संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए धार्मिक, सामाजिक आयोजन के लिये चल समारोह निकालने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिये सामूहिक चल समारोह की भी अनुमति नहीं दी जायेगी।
• लाऊड स्पीकर बजाने के सम्बन्ध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी की गई गाईड लाइन का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।
• सार्वजनिक स्थानों पर कोविड संक्रमण के बचाव के तारतम्य में झांकियों/पांडालों के विसर्जन के आयोजनों में श्रद्धालु के लिये फेस कवर, सोशल डिस्टेंसिंग एवं सेनीटाइजर का प्रयोग करना अनिवार्य होगा।
• सार्वजनिक स्थानों पर सभी प्रकार के धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आयोजन प्रतिबंधित रहेंगे। इस तरह के आयोजन केवल धार्मिक स्थानों/परिसरों के अन्दर किये जा सकेंगे।
• नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार पीओपी से बनने वाली मूर्तियां आदि प्रतिबंधित रहेंगी।
• डीजे का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।
• किसी भी सार्वजनिक स्थल पर ऐसा कोई धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जायेगा, जिससे कि भीड़ एकत्रित हो।
• कोविड संक्रण्मा से सुरक्षा के सम्बन्ध में जिला प्रशासन एवं राज्य शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों एवं गाईड लाइन का पालन करना अनिवार्य होगा।
• विभिन्न आयोजनों के दौरान आतिशबाजी एवं पटाखे फोड़ने आदि पर प्रतिबंध रहेगा।
• किसी भी धर्म, व्यक्ति, सम्प्रदाय, जाति, समुदाय, संस्कृति एवं समाज के विरूद्ध नारे या भड़काऊ भाषा का उपयोग या अशोभनीय टिप्पणी वर्जित है।
उक्त आदेश का उल्लंघन भादंप्रसं 1860 की धारा-188 तथा डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट-2005 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा।
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