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भगवान श्रीकृष्ण की कला अभिव्यक्तियों पर आधारित 3 दिवसीय ललित पर्व में व्याख्यान और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई

उज्जैन:- त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय की प्रबंधक डॉ.भावना व्यास ने जानकारी दी कि मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा संचालित त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीकृष्ण की कला अभिव्यक्तियों पर आधारित तीन दिवसीय ललित पर्व का आयोजन 29 अगस्त से किया जा रहा है। पर्व के दूसरे दिन भोपाल की कलाकार डॉ.दिव्यता गर्ग एवं साथियों ने उप शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी। कलाकारों द्वारा मीरा के भजन "मैं तो सांवरे के रंग राची", सुरदास की रचना "श्याम तोरी मुरली मधुर बजाई" और "सबसे ऊंची प्रेम सगाई" तथा गुरूनानकदेव के गीत "सुमिरन कर ले मेरे मना" गीत और भजन गाये गये।
मंच पर गायिका डॉ.दिव्यता गर्ग की संगत हारमोनियम पर श्री कमलेश तेलंग, तबला पर पं.शैलेंद्र शर्मा और सिंथेसाइजर पर आर्यमन कुमार ने की। इसके बाद इन्दौर की कलाकार सुचित्रा हरमलकर एवं साथियों ने कृष्णायन कथक नृत्य की प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में कृष्ण से जुड़े चार अलग-अलग प्रसंगों को मंच पर प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुति का समापन दशावतार प्रसंग से किया गया। इसमें कृष्ण के अलग-अलग रूपों का वर्णन किया गया। नृत्यांगना सुचित्रा हरमलकर के साथ योगिता मंडलिक, हर्षिमा कोतवाल, सागरिका मराठे, अर्पणा सानव, अमि जैन, पूजा चावला और फाल्गुनी जोशी ने कथक नृत्य का कौशल दिखाया। वहीं मंच पर वोकल पर वैशाली बकोरे, सितार पर स्मिता वाजपेयी, तबले पर मृणाल नागर और हारमोनियम पर दीपक खरसवाल ने संगत की।

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