जैविक खाद हर तरह से उपयोगी -श्री उपाध्याय, प्रस्फुटन ग्राम उटवास में जल संसद एवं तालाब पर श्रमदान कार्यक्रम संपन्न
उज्जैन गंगा, नर्मदा, शिप्रा, धरती यह सब हमारी मां के समान है। सनातन संस्कृति के तहत हम अपनी मां की पूजा करते हैं। यह संस्कार अनादिकाल से चले आ रहे हैं। वर्तमान समय में आप और हम सब आने वाली पीढ़ियों का जीवन भी संकट में डाल रहे हैं। यह बात मप्र जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री विभाष उपाध्याय (राज्य मंत्री दर्जा) ने प्रस्फुटन ग्राम उटवास में जलाभिषेक अभियान के तहत तालाब पर श्रमदान एवं जल संसद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपस्थित जनसमुदाय को कही। आपने सभी से अनुरोध किया कि अगर आपके पास 10 बीघा जमीन है तो दो बीघा में जैविक खेती की शुरुआत करें। रासायनिक खाद से उपज भी कम बैठ रही है और सबका जीवन भी संकट में है। जैविक खाद हर तरह से उपयोगी है। यह पद्धति खेती को लाभ का धंधा शत-प्रतिशत बना सकती है। आपने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति कम से कम पांच पौधे रोपकर उन्हें वृक्ष अवश्य बनायें।
कार्यक्रम में उपस्थित राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त उन्नत एवं जैविक खेती करने वाले श्री योगेंद्र कौशिक ने कहा कि रासायनिक खाद का बेतहाशा उपयोग कर हम अपने खेत की मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को खत्म कर रहे हैं। आने वाली पीढ़ी अपने खेत का उपयोग भी नहीं कर पाएगी। आप सब से अनुरोध है कि एक बार अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण अवश्य करवाएं। वस्तुस्थिति सबके सामने भयानक रूप में आएगी।
परिषद के संभाग समन्वयक श्री शिव प्रसाद मालवीय ने उपस्थित जनसमुदाय से आह्वान किया कि बारिश का पानी अपने खेत में और गांव में ही रोकने के प्रयास अधिक से अधिक किए जाएं। जलस्तर काफी नीचे जा चुका है। आने वाले समय में धरती से जल मिलना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में सृष्टि पर संतुलन बिगड़ेगा और यह सभी के लिए खतरा है। कम से कम अपनी आने वाली पीढ़ी को यह विकट संकट विरासत में देकर नहीं जाए, इसलिए जतन आज से ही करना पड़ेगे। अभी से बारिश का पानी अगर सहेजने में लग जाते हैं तो कुछ ही वर्षों मैं इसके सार्थक परिणाम सबके सामने होंगे। कार्यक्रम में तहसीलदार श्री सुदीप मीणा, गिरदावर श्री धर्मेंद्र पंवार, वन विभाग के विक्रम चौहान,परिषद की विकास खण्ड समन्वयक श्रीमति रेणुका श्रोत्रिय, श्री जय दीक्षित एवं नियो विजन यूनिसेफ के जिला समन्वयक श्री रितेश श्रोत्रिय भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथि गणों ने मां सरस्वती एवं 5 कन्याओं का पूजन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। जल संसद के पश्चात गांव में स्थित तालाब पर श्रमदान कार्य का प्रारंभ तालाब किनारे त्रिवेणी रोप कर किया गया। श्रमदान के दौरान श्री दीक्षित ने सामुहिक गीत "जीवन मे कुछ करना है ,तो मन को मारे मत बैठो आगे आगे बढ़ना है तो हिम्मत हारे मत बैठो" के माध्यम से सब मे जोश भरा। कार्यक्रम का संचालन श्री अर्जुन सिंह डोडिया ने किया एवं आभार प्रदर्शन प्रस्फुटन समिति उटवास के अध्यक्ष श्री मुकेश शर्मा ने व्यक्त किया। इस अवसर पर कलश यात्रा भी ढोल के साथ निकली गई ओर सिलाई प्रशिक्षण कार्य का शुभारंभ उपाध्यक्षजी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विकासखंड की प्रस्फुटन समिति के सदस्य, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं गांव के गणमान्य जन उपस्थित रहे। भव्य एवं गरिमामय कार्यक्रम में यतिंद्र शर्मा, राधेश्याम वर्मा,जितेंद्र परमार, हुकुम सिंह,जगदीश परमार,जगदीश सिंह, पवन त्रिवेदी, राजेंद्र राठौड़, महेंद्र सिंह, दशरथ सिंह भाटी,संदीप जागीरदार, सोनू पांचाल,वीरेंद्र पण्डिया, शुभम जायसवाल, इंदर सिंह भाटी ,आदि का विशेष सहयोग रहा।
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